बिलासपुर। पंचायत चुनाव के दौरान अवैध महुआ शराब के निर्माण पर नकेल कसने आबकारी विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। सहायक आयुक्त आबकारी नवनीत तिवारी के निर्देश पर आबकारी टीम ने बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम पासीद और बोदरी थाना क्षेत्र के चकरभाठा में छापा मारा।
एडीओ को सूचना मिली थी कि, इन जगहों पर अवैध शराब बनाई जा रही है। इस कार्रवाई में कुल दो प्रकरण दर्ज किए गए। विभाग ने 54 बल्क लीटर महुआ शराब और 750 किलोग्राम महुआ लहान जब्त किया।
टीम ने देवचंद्र साहू पिता तीजराम निवासी पासीद से नौ लीटर अवैध महुआ शराब बरामद की। इसके अलावा लावारिस हालत में 45 लीटर महुआ शराब जब्त की। साथ ही नाला किनारे प्लास्टिक डिब्बों में रखे गए 750 किलो महुआ लहान को मौके पर ही नष्ट किया गया।
विभाग ने आरोपितों के आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मामले की विवेचना शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी अधिकारी छबि पटेल, मुख्य आरक्षक अनिल पांडेय, राहुल दुबे का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
चुनाव के लिए बन रही थी शराब, 54 लीटर जब्त
वहीं, कोटा क्षेत्र के गनियारी में शराब बनाने के लिए आठ हजार किलो महुआ लहान तालाब में छिपाकर रखे थे। इसकी सूचना पर आबकारी अमले की टीम ने गांव के लोगों की मदद से महुआ लहान तालाब से निकालकर नष्ट कर दिया है। इसके अलावा जूनापारा क्षेत्र के कंचनपुर में ग्रामीण के घर से 22 लीटर महुआ शराब जब्त की गई।
सहायक जिला आबकारी अधिकारी कल्पना राठौर ने बताया कि तखतपुर क्षेत्र के जूनापारा चौकी अंतर्गत कंचनपुर में महुआ शराब बिकने की सूचना मिली थी। इसी तरह गनियारी में पंचायत चुनाव के दौरान खपाने के लिए शराब बनाने की जानकारी सामने आई थी।
अधिकारियों के निर्देश पर कंचनपुर में दबिश देकर करण सिंह को पकड़ा गया। पूछताछ में वह गोलमोल जवाब दे रहा था। कड़ाई करने पर उसने शराब छुपाकर रखना बताया। उसके कब्जे से 22 लीटर महुआ शराब जब्त की गई। साथ ही शराब बनाने के लिए उपयोग किए गए बर्तन जब्त किए गए।
इसके बाद टीम ने गनियारी में दबिश दी। गांव के लोगों ने बताया कि शराब बनाने के लिए तालाब में महुआ लहान छुपाया गया है। इस पर आबकारी अमले ने गांव वालों की मदद से तालाब में छुपाकर रखे करीब आठ हजार 700 किलो लहान को निकलवाया।
आबकारी अमले ने इसे गांव में ही नष्ट कर दिया है। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इधर, आरोपित करण सिंह के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया है। टीम में आरक्षक सुभाष तिवारी, जयशंकर, कमलेश शामिल रहे।