बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की सड़कों पर पीली पट्टियों का गायब होना प्रशासनिक लापरवाही का कड़वा सच बन चुका है. सड़कों की अव्यवस्थित स्थिति, बेतरतीब पार्किंग और खुले नालों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. यातायात की रीढ़ मानी जाने वाली ये पट्टियां ना केवल ट्रैफिक के संचालन में सहायक हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार भी है. प्रशासन की अनदेखी से हर दिन वाहन चालक अपनी जान और माल से कीमत चुका रहे हैं.
सड़क सुरक्षा की रीढ़ बनी प्रशासनिक अनदेखी
दयालबंद-राजकिशोर मार्ग, व्यापार विहार, तारबाहर, सरकंडा जैसे प्रमुख क्षेत्रों की सड़कों पर पीली और सफेद पट्टियां अब नदारद हैं. इन पट्टियों के अभाव में वाहन चालकों को सही दिशा का अंदाजा नहीं होता. नतीजतन, दुर्घटनाएं बढ़ रही है. यह स्थिति केवल यातायात नियमों की अनदेखी नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है.
सड़क पर पट्टियों का महत्व
पीली पट्टी: सड़कों के किनारे खींची जाती है, जो नो-पार्किंग का संकेत देती है और वाहन चालकों को सुरक्षित दिशा प्रदान करती है.
सफेद पट्टी: लेन को विभाजित करने के लिए होती है, जो सुनिश्चित करती है कि वाहन सही लेन में चलें.
डबल पीली पट्टी: ओवरटेकिंग प्रतिबंधित करने के लिए खींची जाती है, खासकर घुमावदार और ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में इस पट्टी का उपयोग होता है.
पीली पट्टी के अभाव के दुष्परिणाम
बेतरतीब पार्किंग: सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी करने से ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है.
खुले नाले: नालों के ढक्कन ना होने से हादसे की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं.
सड़क पर दिशाहीनता: पट्टियों के बिना वाहन चालकों को सही लेन का पता नहीं चलता.
प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी में कमी
यातायात विभाग, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के बीच समन्वय का अभाव स्पष्ट है. सिग्नल पर मामूली गलती पर चालान काटने वाले अधिकारी सड़कों की बदहाली पर ध्यान नहीं देते.
नागरिकों की समस्याएं
सुविधा का अभाव: सिरगिट्टी निवासी अभिलाष का कहना है कि उनकी दुकान के सामने हमेशा गाड़ियां खड़ी रहती है. पीली पट्टी होती तो ग्राहकों को सुविधा होती.
रात में खतरा: शंकर नगर निवासी राकेश कहते हैं कि संकरी सड़कों पर बिना पट्टियों के वाहन चलाना बेहद डरावना हो जाता है.
सड़क पर सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय
सड़कों पर पीली और सफेद पट्टियां प्राथमिकता से पुनर्स्थापित की जाएं.
खुले नालों के ढक्कन तुरंत लगाए जाएं.
यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए.
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.
इस तरह के नियमित सावधानियां बरते
सड़क पट्टियों का ध्यान रखते हुए वाहन चलाएं.
नो-पार्किंग क्षेत्रों में वाहन खड़ा करने से बचें.
खुले ढक्कनों के आसपास सतर्कता बरतें.
रात्रि में धीमी गति से वाहन चलाएं.
सुरक्षा प्रदान करना प्रशासन की जिम्मेदारी
बिलासपुर की सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन और नागरिकों दोनों की जिम्मेदारी है. पट्टियों का अभाव केवल एक छोटी सी अनदेखी नहीं है, यह जीवन और संपत्ति को खतरे में डालने वाला बड़ा मुद्दा बन चुका है. समय रहते इस समस्या का समाधान बेहद जरूरी है.