रायपुर। नगर निगम सरकार का कार्यकाल खत्म होने के बाद अब एमआईसी सदस्यों के चेंबरों में ताला लगा दिया गया है। अब ये ताले कब खुलेंगे, इसका इंतजार ये कमरे कर रहे हैं। फिलहाल निकाय चुनाव की तिथि निर्धारित नहीं हुई है, जिसकी वजह से सभी कमरों को बंद कर दिया गया है।
मगर, ये अब कब खुलेंगे, यह कह पाना अभी मुश्किल है। वहीं, सभी कमरों से नाम पट्टिका भी हटा दी गई है। हालांकि, इसके बाद भी नगरवासी अपने कामकाज लेकर जनप्रतिनिधि से मिलने के लिए निगम दफ्तर पहुंच रहे हैं। लोगों को लग रहा है कि अभी चुनाव तो नहीं हुआ है, इसलिए जनप्रतिनिधि उनका काम कर सकते हैं।
प्रशासक की भूमिका को लोग समझ नहीं पा रहे हैं। दरअसल, पांच जनवरी से नगर निगम की सरकार का कार्यकाल खत्म हो चुका है। वहीं, छह जनवरी से नगर निगम में प्रशासक के तौर पर रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने कार्यभार संभाल लिया है, जिसके बाद से जनप्रतिनिधि नगर निगम आना बंद कर दिए हैं।
साथ ही सभापति से लेकर सभी एमआईसी सदस्यों के कमरे बंद कर दिए गए हैं। अब नए जनप्रतिनिधि बनने के बाद ही कमरे खुलेंगे। महापौर के चेंबर में प्रशासक बैठ रहे हैं।
अधिकारियों का इंतजार कर रहे लोग
जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासक कार्यकाल की भूमिका को समझने वाले लोग निगम दफ्तर अपने कामकाज लेकर पहुंच रहे हैं। मगर, लोगों को यहां पर अधिकारियों का इंतजार करना पड़ रहा है।
मंगलवार को नगर निगम के जोन-2 कार्यालय में दो लोग राशन कार्ड का काम कराने पहुंचे थे। लोगों ने बताया कि पार्षद द्वारा उन्हें जोन कार्यालय भेजा गया है। लेकिन जोन में वे तीन घंटे से बाहर अपना काम कराने के लिए इंतजार कर रहे थे।
दिनभर काम पूरा होने के इंतजार में बैठ लोग
पंकज विक्रम वार्ड पार्षद कार्यालय में मंगलवार को लोग सुबह से अपने कामकाज लेकर पहुंचे। इस दौरान लोगों ने वार्ड की पार्षद निशा देवेंद्र यादव से अपने कामों को कराने के लिए कहा। मगर, उनके मना करने के बाद भी लोग काफी समय तक कार्यालय में इंतजार करते बैठे रहे।
वहीं, कुछ लोगों को जब यह बात समझ आई कि निगम अब प्रशासक के हवाले हैं। उन्हें अपने कामों के लिए अब सीधे अधिकारियों से मिलना पड़ेगा, तो उनके बीच ये बातें चर्चा का विषय बनी रहीं। लोग पार्षद कार्यालय में बैठकर ही चुनाव व कामकाज से जुड़ी बातें करते रहे।
बड़ी संख्या में पार्षद कार्यालय पहुंच रहे लोग
नगर निगम के अलावा पार्षद कार्यालय में भी बड़ी संख्या में नागरिक पहुंच रहे हैं। कार्यालय में पहुंचकर लोग अपना काम कराने की बातें कर रहे हैं। मगर, उन्हें खाली हाथों ही लौटना पड़ रहा है।
शहीद हेमू कालाणी वार्ड के पार्षद बंटी होरा ने बताया कि लोगों को समझाना मुश्किल हो गया है। मना करने पर लोग कहते हैं कि अभी चुनाव नहीं हुआ है, तो आप हमारे काम के लिए मना कैसे कर सकते हैं। इसके बाद लोगों को प्रशासक की भूमिकाओं के बारे में बताना और समझाना पड़ रहा है।