संविधान ही रहेगा कांग्रेस की सियासी सक्रियता की धुरी, आज बेलगावी में जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली

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संसद के बजट सत्र में भी संविधान पर प्रहार ही पक्ष-विपक्ष के बीच सियासी लड़ाई का मुख्य मुद्दा बनेगा मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसके पुख्ता संकेत दे दिए हैं। कर्नाटक के बेलगावी में मंगलवार को जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली से कांग्रेस इसकी सियासी सरगर्मी की नए सिरे से शुरूआत करेगी।
वहीं बजट सत्र से ठीक पहले मध्य प्रदेश के महू में बाबा साहब आंबेडकर की जन्म भूमि पर 27 जनवरी को मेगा रैली के जरिए संवैधानिक संस्थाओं पर भाजपा-संघ के कब्जा कर लेने के अपने राजनीतिक विमर्श के दावों को पार्टी धार देगी।

रैलियों में आएगा पार्टी नेतृत्व

दोनों रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हिस्सा लेगा। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने शीत सत्र के दौरान राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए सोमवार को इसका साफ संकेत दे दिया।

भागवत को माफी मांगनी चाहिए: जयराम रमेश

जयराम ने कहा, ‘आज महात्मा गांधी का अपमान और आंबेडकर पर हमला कर संविधान के मूल्यों पर आक्रमण हो रहा है। मोहन भागवत को स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर दिए अपने घृणित और राष्ट्र-विरोधी बयान के लिए माफी मांगनी होगी। गृहमंत्री को संसद में आंबेडकर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगनी के साथ इस्तीफा देना होगा।’

27 दिसंबर को स्थगित कर दी गई थी रैली

बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के अगले दिन 27 दिसंबर को प्रस्तावित रैली पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण स्थगित कर दी गई थी। करीब 25 दिन बाद पार्टी बेलगावी रैली से अपनी सियासी सक्रियता को फिर से तेज करेगी।कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस रैली में महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की गहराती चुनौतियों का मसला तो पार्टी नेता उठाएगा ही मगर संविधान के अस्तित्व को भाजपा-संघ की ओर से चुनौती दिए जाने का सवाल ही मुख्य धुरी में रहेगा।

अदाणी मामले में सहयोगियों ने खींचे हाथ

विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन की एकजुटता के लिहाज से भी सत्र के दौरान संविधान का विषय कांग्रेस के लिए मुफीद है। अदाणी समूह के खिलाफ जांच के मसले पर कांग्रेस ने पिछले सत्रों के दौरान अपनी आक्रामकता जारी रखी मगर कुछ दिनों तक साथ देने के बाद सहयोगी दलों ने कदम पीछे खींच लिए।

इसके मद्देनजर कांग्रेस को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा। मगर फिलहाल संविधान पर हमले के सवाल पर आईएनडीआईए गठबंधन की राय एक है जो संसद के बीते शीत सत्र में भी नजर आयी।

संघ-भाजपा पर हमलावर हैं राहुल

संविधान को सियासी सरगर्मी की धुरी बनाए रखने का संकेत पिछले एक हफ्ते के दौरान कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता राहुल गांधी की पिछले एक हफ्ते में दो कार्यक्रमों के संबोधनों से साफ है। कांग्रेस के नए मुख्यालय भवन के उदघाटन मौके पर राहुल गांधी ने सरकार के नेतृत्व के साथ देश की संस्थाओं पर कब्जा करने को लेकर संघ-भाजपा के खिलाफ तीखे हमले किए।

संविधान पर जारी रहेगी पक्ष-विपक्ष की लड़ाई

पक्षपाती राज व्यवस्था से लड़ाई के उनके बयानों को लेकर भाजपा ने बेहद आक्रामक पलटवार भी किया। मगर इनसे विचलित नहीं होने का संदेश देते हुए राहुल गांधी ने बीते शनिवार को पटना में संविधान रक्षा पर एक सम्मेलन में संविधान पर खतरा मंडराने का दावा करते हुए संघ-भाजपा के प्रयासों पर प्रहार किया।

पार्टी ने बेलगावी और महू की रैली का केंद्रीय विमर्श संविधान को रखने से भी साफ है कि बजट सत्र के दौरान संविधान पर पक्ष-विपक्ष की सियासी लड़ाई की दूसरी कड़ी दिखाई देगी।

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