साल बदल गया लेकिन नहीं बदला पाकिस्तान का हाल, इस वायरस ने कर रखा है बेहाल

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान पोलियो से मुक्त नहीं हो पा रहा है। यहां नए साल 2025 में पोलियो का पहला मामला सामने आया है। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को इस बारे में जानकारी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के टैंक जिले पोलियो का केस मिला है। यहां 13 महीने की बच्ची में पोलियो वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

25 नवंबर को पहली बार दिखे थे लक्षण

समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में नेशनल रेफरेंस लैब के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया कि लड़की में 25 नवंबर को पहली बार पोलियो के लक्षण दिखे थे, उसमें वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप-1 संक्रमण की पुष्टि हुई है। पाकिस्तान में यह हाल तब है जब साल 2024 में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को उनके घर पर पोलियो के मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया था।

 

क्या कहते हैं आंकड़े

पाकिस्तान में वर्ष 2024 में पोलियो के 68 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से खैबर पख्तूनख्वा में 21 मामले थे। बलूचिस्तान में 27 मामले, सिंध में 19 मामले, जबकि पंजाब और इस्लामाबाद में पोलियो वायरस का एक-एक मामला सामने आया था।

दवा पिलाने का विरोध

इस बीच यहां यह जानना भी जरूरी है कि पाकिस्तान में पोलियो के नाम पर क्या-क्या होता है। बीते साल खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले में पोलियो की दवा पिलाने गई एक टीम पर फायरिंग की गई थी। इसमें एक अधिकार की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में कई ऐसे गुट हैं जो पोलियो अभियान के दुश्मन बने हुए हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान में अब तक पोलियो को खत्म नहीं किया जा सका है। पाकिस्तान में कई ऐसे लोग हैं जो पोलियो की दवा को इस्लाम से जोड़कर देखते हैं और बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का विरोध करते हैं।

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