मान गए शिंदे! कैबिनेट विस्तार पर बन गई बात, ये होगा मंत्रिमंडल के गठन का फॉर्मूला

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 Maharashtra cabinet expansion महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर महायुति में खटपट की अटकलों पर अब जल्द विराम लगने वाला है। दरअसल, भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का दिन तय हो गया है। 

माना जा रहा है कि शिंदे गुट जो गृह मंत्रालय और कुछ बड़े कैबिनेट मंत्रालयों पर अड़ा हुआ था, उसे मना लिया गया है। 

15 दिसंबर को होगा कैबिनेट विस्तार

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 15 दिसंबर को महाराष्ट्र सरकार का कैबिनेट विस्तार होगा। नए मंत्री नागपुर में एक समारोह में पद की शपथ लेंगे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को प्रेस एजेंसी पीटीआई को बताया कि 30-32 मंत्री शपथ ले सकते हैं।

राज्य विधानमंडल का एक सप्ताह तक चलने वाला शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर को नागपुर में शुरू होने वाला है। 

43 विधायक ही बन सकते हैं मंत्री

देवेंद्र फडणवीस ने 5 दिसंबर को मुंबई में एक भव्य समारोह में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं। 

अजित पवार से मिलकर नाम हुए तय

इस बीच राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को कैबिनेट गठन को अंतिम रूप देने के लिए उपमुख्यमंत्री शिंदे और अजित पवार से अलग-अलग मुलाकात की।

 

सूत्रों ने बताया कि दक्षिण मुंबई में अजित पवार के देवगिरी बंगले पर गहन विचार-विमर्श हुआ, जहां उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बैठक में अजित पवार ने उन नेताओं का नाम तय किया जिसे मंत्री बनाया जाएगा।

 

ये है मंत्रिमंडल का फॉर्मूला

समाचार एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि भाजपा को 20-21 मंत्री पद मिलने की संभावना है, शिवसेना को 11-12 और एनसीपी को 9-10 मंत्री पद मिल सकते हैं।

 

महायुति को मिली थी बंपर जीत

20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में महायुति ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की। ​​भाजपा को चुनाव में 132 सीटों मिली, वहीं शिंदे की शिवसेना को 57 और पवार की एनसीपी 41 सीटों पर जीत हासिल कर पाई।

 

सरकार गठन में पहले ही काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल चुके हैं, जिसमें शिंदे ने शीर्ष पद पर फडणवीस के लिए रास्ता बनाया है। शिंदे पहले सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे और पार्टी संगठन पर ध्यान केंद्रित करने के इच्छुक थे। हालांकि, बाको उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए राजी किया गया।

 

शिवसेना ने कई मौकों पर शिंदे को उनके कद के अनुरूप पद दिए जाने की बात कही और गृह विभाग मांगा, जिस पर भाजपा सहमत नहीं हुई।

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