बौखलाए नक्सलियों ने मुखबिरी आराेप लगाकर कर दी ग्रामीण की हत्या, सड़क पर लाश फेंककर फैलाई दहशत

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बीजापुर। बस्तर में सुरक्षा बल से सीधी मुठभेड़ में लगातार मात खा रहे नक्सली बौखला गए हैं। वे निकाय और पंचायत चुनावों से पहले दहशत फैलाने में लगे हैं। ग्रामीणों के बीच डर का वातावरण बनाए रखने के लिए कायरना हरकत करते हुए एक आदिवासी ग्रामीण की मुखबिरी के आरोप में हत्या कर दी है।

पुलिस के अनुसार, भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशामुंडी गांव के रहने वाले 41 साल के ग्रामीण भदरू सोढ़ी पिता हिड़मा की 26 जनवरी की शाम को कुल्हाड़ी से हत्या कर दी है। इसके बाद उसकी लाश को सड़क पर ले जाकर फेंक दिया। घटनास्थल से नक्सलियों के भैरमगढ़ एरिया कमेटी की ओर से जारी पर्चा बरामद हुआ है।

मुखबिरी का लगाया आरोप

इसमें नक्सलियों ने भदरु को गद्दार का साथ देने, सलवा जुड़ूम में काम करने और पार्टी की सूचना पुलिस को देने के आरोप लगाए हैं। भैरमगढ़ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर माले की जांच शुरु कर दी है। ज्ञात हो कि सुरक्षा बल के नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली संगठन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

साथ ही नक्सलियों के कोर क्षेत्र में नवीन सुरक्षा कैंप के निर्माण से नक्सलियों का आधार क्षेत्र सिमट रहा है। नक्सली इस खीझ में आम निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं, ताकि उनका वर्चस्व बना रहे।

इस साल की मुठभेड़ और मारे गए नक्सली

तीन जनवरी: ओडिशा से सटे गरियाबंद जिले के सोरनामाल जंगल में तीन नक्सली ढेर।

चार जनवरी: दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर अबूझमाड़ में पांच नक्सली ढेर।

नौ जनवरी: तेलंगाना से सटे सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर हुए तीन नक्सली मारे गए।

12 जनवरी: बीजापुर के मद्देड़ में हुई मुठभेड़ में जवानों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया।

16 जनवरी: बीजापुर-तेलंगाना सीमा के पुजारी कांकेर के पास जंगल में 18 नक्सली ढेर।

21 जनवरी: छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर गरियाबंद जिले में 16 नक्सलियों को मार गिराया।

बताते चलें कि इस साल के पिछले 22 दिनों में ही ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र सीमा पर 48 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है। इनमें कई टॉप लीडर्स भी शामिल हैं। इसकी वजह से नक्सली बौखला गए हैं। वे अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश में जुटे हैं।

गृहमंत्री ने दिया लक्ष्य- 2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अक्टूबर-2024 में छत्तीसगढ़ सहित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ नक्सलवाद को समाप्त करने की रणनीति बनाई थी। इसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।

उन्होंने लक्ष्य दिया है कि 31 मार्च 2026 तक देश के सभी हिस्सों से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इसी समय सीमा में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सीआरपीएफ और इसकी विशेष इकाई कोबरा, डीआरजी व राज्यों की पुलिस सहित 15 टास्क फोर्स जी जान से कोशिश कर रही हैं।

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